कंप्यूटर पर गेम खेलते छात्र – Esports Education India

Esports in Schools India 2025: CBSE का नया पायलट प्रोग्राम

सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है जिसमें वो अपने पायलट कार्यक्रम के लिए प्रतिस्पर्धी गेमिंग, यानी एस्पोर्ट्स, को भारतीय स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रहा है।  ये पहल 2025 से शुरू होने की संभावना है, जिसका मुख्य उद्देश्य है छात्रों को केवल शिक्षाविद ही नहीं, डिजिटल युग में नए करियर अवसरों के लिए भी तैयारी करनी होगी।  पिछले कुछ सालों में, गेमिंग इंडस्ट्री ने भारत में रिकॉर्ड-ब्रेकिंग ग्रोथ देखी है, और ग्लोबल ईस्पोर्ट्स मार्केट का अनुमानित मूल्य 2024 में $1.8 बिलियन के आस-पास पोहोंच चुका है।  इंडिया रेस में पीछे नहीं रहना चाहता, और सीबीएसई का यह कदम उसी दिशा का एक बड़ा कदम है।

कार्यक्रम के पीछे का विचार

CBSE Esports in Schools India 2025 पायलट प्रोग्राम का पोस्टर

कार्यक्रम का मुख्य फोकस छात्रों को गेमिंग के लिए समस्या-समाधान, टीम वर्क, रिफ्लेक्स सुधार और रणनीतिक सोच कौशल विकसित करना है।  सीबीएसई का मानना है कि जैसे क्रिकेट, फुटबॉल और बास्केटबॉल जैसे पारंपरिक खेल छात्रों के व्यक्तित्व विकास में मददगार होते हैं, वैसे ही ईस्पोर्ट्स भी एक वैध प्लेटफॉर्म बन सकता है जहां बच्चे अपने डिजिटल कौशल को बढ़ा सकते हैं।  कार्यक्रम के अनुसार, चयनित स्कूलों में ईस्पोर्ट्स क्लबों की स्थापना की जाएगी, जहां छात्र अलग-अलग लोकप्रिय ईस्पोर्ट्स खिताबों में भाग लेंगे, जैसे फीफा, वेलोरेंट, रॉकेट लीग, और भारत-विशिष्ट खेल जैसे बीजीएमआई।

ईस्पोर्ट्स का ग्लोबल एजुकेशन ट्रेंड

स्कूल के छात्र ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट में भाग लेते हुए

पिछले कुछ सालों में ईस्पोर्ट्स एक वैश्विक घटना पर प्रतिबंध लगा चुका है, जो सिर्फ गेमिंग तक सीमित नहीं है बल्कि शिक्षा प्रणाली का हिस्सा भी बन रहा है।  अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, चीन जैसे देशों में स्कूलों और विश्वविद्यालयों ने ईस्पोर्ट्स को अपने पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लिया है।  यहां छात्रों को सिर्फ प्रोफेशनल गेमिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है, उन्हें टीम वर्क, रणनीति निर्माण, त्वरित निर्णय लेना और समय प्रबंधन जैसे आवश्यक कौशल भी सिखाए जाते हैं।

वैश्विक स्तर पर कई विश्वविद्यालय अब ईस्पोर्ट्स छात्रवृत्ति की पेशकश कर रहे हैं, जिनके प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी शिक्षा के साथ-साथ पेशेवर गेमिंग करियर को आगे बढ़ा सकते हैं।  दक्षिण कोरिया का उदाहरण लें, तो वहां ईस्पोर्ट्स का बुनियादी ढांचा इतना मजबूत है कि बचपन से ही खिलाड़ियों को कोचिंग अकादमियों में पेशेवर माहौल मिलता है।  अमेरिका में हाई स्कूल ईस्पोर्ट्स लीग और कॉलेजिएट ईस्पोर्ट्स टूर्नामेंट काफी लोकप्रिय हो चुके हैं, जो छात्र गेमिंग के लिए एक गंभीर करियर विकल्प बना रहे हैं।

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ई-स्पोर्ट्स में डिजिटल साक्षरता और तकनीक-आधारित कौशल को बढ़ावा देना शामिल है, जो आज के डिजिटल युग में बहुत जरूरी है।  क्या ट्रेंड से छात्र कोडिंग, गेम डिजाइनिंग, ब्रॉडकास्टिंग और इवेंट मैनेजमेंट जैसे संबंधित क्षेत्रों में भी अवसर तलाश रहे हैं।  आने वाले कुछ सालों में, विशेषज्ञों को लगता है कि ई-स्पोर्ट्स और शिक्षा का ये संयोजन और भी अधिक वैश्वीकरण होगा, दुनिया भर के स्कूल इसे अपनाएंगे ताकि छात्र केवल शैक्षणिक ज्ञान ही न रखें, बल्कि वास्तविक दुनिया में प्रतिस्पर्धी कौशल भी विकसित कर सकें।

पायलट कार्यक्रम की संरचना

Esports in Schools India 2025 गेमिंग एरीना इमेज

पायलट कार्यक्रम शुरू में 50-100 सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों में लॉन्च किया जाएगा, जहां विशेष रूप से प्रशिक्षित गेमिंग कोच और सलाहकार नियुक्त किए जाएंगे।  प्रशिक्षक छात्रों को सिर्फ गेमप्ले नहीं, बाल्की गेम थ्योरी, रणनीतियाँ और ईस्पोर्ट्स एथिक्स भी सिखाएंगे।  गेमिंग टूर्नामेंट स्कूल-स्तर पर शुरू होंगे जोनल और राष्ट्रीय स्तर तक आयोजित होंगे।  इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड का भी प्लान है- हाई-परफॉर्मेंस पीसी, गेमिंग कंसोल और स्थिर हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन स्कूलों को प्रदान किए जाएंगे।  सीबीएसई ने गेमिंग कंपनियों और तकनीकी ब्रांडों के साथ साझेदारी की बात भी चलाई है ताकि उपकरण प्रायोजन और प्रशिक्षण मॉड्यूल आसानी से उपलब्ध हो सकें।

ईस्पोर्ट्स में करियर के अवसर

CBSE स्कूल ई-स्पोर्ट्स प्रतियोगिता

सीबीएसई का ये कदम सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि करियर निर्माण के लिए भी है।  वैश्विक स्तर पर ई-स्पोर्ट्स एक अरब डॉलर के उद्योग पर प्रतिबंध लगा चुकी है, जहां खिलाड़ी, शाउटकास्टर्स, गेम डेवलपर्स, इवेंट आयोजक, और विश्लेषकों की मांग तेजी से बढ़ रही है।  अगर ये पायलट प्रोग्राम सफल होता है, तो भारतीय छात्रों को भी प्रोफेशनल ईस्पोर्ट्स टूर्नामेंट, स्ट्रीमिंग, और गेमिंग जर्नलिज्म जैसे फील्ड्स में एंट्री मिल सकती है।  2025 के बाद, इंडिया अपने खुद के बड़े पैमाने पर इंटर-स्कूल ईस्पोर्ट्स लीग लॉन्च कर सकता है जो छात्रों को जल्दी एक्सपोजर देंगे।

माता-पिता की चिंताएँ और जागरूकता

स्वाभाविक रूप से, कुछ माता-पिता को चिंता होगी कि गेमिंग अकादमिक फोकस प्रभावित करेगा।  सीबीएसई इस बात का ध्यान रखेगा कि ईस्पोर्ट्स का इंटीग्रेशन एकेडमिक के साथ बैलेंस में हो।  टाइम स्लॉट, अभिभावक मार्गदर्शन सत्र, और जागरूकता कार्यशालाओं की व्यवस्था करें, क्योंकि माता-पिता को समझा जा सके कि ये एक कौशल-निर्माण गतिविधि है, न कि केवल स्क्रीन-टाइम।

भविष्य का आउटलुक

अगर ये पहल सफल होती है, तो 2026-27 तक सीबीएसई इसे अखिल भारतीय पैमाने पर लागू कर सकता है।  ये भारत को ग्लोबल ईस्पोर्ट्स मैप पर एक मजबूत दावेदार बनने में मदद करेगा।  जैसे क्रिकेट ने भारत का नाम दुनिया भर में रोशन किया, वैसा ही ईस्पोर्ट्स भी अगले दशक में एक प्रमुख खेल बन सकता है जिसका भारत विश्व चैंपियन बनने की क्षमता रखता है।

More From Author

PUBG India Championship 2025 में भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबले का दृश्य

PUBG India Championship 2025: India vs Pakistan मुकाबला रिकैप

Jio Cloud Gaming कंसोल-फ्री अनुभव की झलक

Cloud Gaming in India 2025: क्या Jio Gaming कंसोल-फ्री प्ले का भविष्य है?

One thought on “Esports in Schools India 2025: CBSE का नया पायलट प्रोग्राम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *