Motihari Digital Courtroom Cyber Fraud: कैसे Boss गैंग बना रही थी कोर्ट जैसी स्क्रिप्ट और वीडियो से करोड़ों की ठगी

Motihari Fake Courtroom Cyber Fraud Case: ‘Boss Gang’ का पर्दाफाश, ₹29 लाख कैश और हथियार जब्त

Motihari, Bihar – June 2025: बिहार के मोतिहारी जिले में एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस ठगी में शामिल गैंग खुद को डिजिटल कोर्ट अफसर बनाकर लोगों को वीडियो कॉल पर धमकाती थी और उनसे मोटी रकम वसूलती थी। इस गैंग का कोडनेम था ‘Boss’ और इसका संचालन एक निजी स्कूल परिसर से किया जा रहा था।

📹 फर्जी कोर्ट वीडियो और डिजिटल धमकियाँ

गैंग के सदस्य खुद को cyber court officials, CBI agents और law officers बताकर वीडियो कॉल पर पीड़ितों को कानूनी कार्रवाई की धमकी देते थे। वीडियो कॉल पर एक नकली कोर्ट सेटअप दिखाया जाता था जिसमें ‘जज’ जैसी पोशाक पहने लोग दिखते थे।

यह पूरा प्रोसेस काफी प्रोफेशनल तरीके से तैयार किया गया था ताकि पीड़ित को यह लगे कि वह वाकई किसी कोर्ट की कार्यवाही का हिस्सा है। और डर के मारे लोग लाखों रुपए ट्रांसफर कर देते थे।

🚨 ऑपरेशन में पांच गिरफ्तार

Motihari cyber police ने छापा मारकर पाँच लोगों को गिरफ्तार किया है, जो एक निजी स्कूल भवन में यह गैंग चला रहे थे। पुलिस ने मौके से ₹29 लाख कैश, हथियार, नेपाल की मुद्रा, कई मोबाइल, लैपटॉप और डेबिट कार्ड जब्त किए हैं।

Initial investigation से पता चला है कि यह गैंग बिहार ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और नेपाल तक फैली हुई है।

🧠 Kingpin ‘Satyam Saurabh’ अभी भी फरार

इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड Satyam Saurabh नामक व्यक्ति है जो अभी फरार है। पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। पुलिस को शक है कि वह नेपाल या पाकिस्तान के किसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।

गैंग का इंटरनेशनल नेटवर्क होने के संकेत मिले हैं। पुलिस को पाकिस्तान और नेपाल के मोबाइल नंबरों की लिस्ट मिली है जो इस ठगी में उपयोग किए गए थे।

💼 बैंक अकाउंट और हवाला नेटवर्क

Cyber fraud के इस नेटवर्क में हवाला लेन-देन भी शामिल था। पकड़े गए आरोपियों के पास से SBI धाका ब्रांच से जुड़े बैंक डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिसमें कई संदिग्ध ट्रांजेक्शन की पुष्टि हुई है।

आरोपी लोग फर्जी नामों से खाते खोलते थे और पैसे को जल्दी से दूसरी जगह ट्रांसफर कर देते थे। इसमें डिजिटल वॉलेट और क्रिप्टोकरेंसी (जैसे Binance) का भी इस्तेमाल किया गया।

📢 पुलिस का अलर्ट और अपील

Cyber DSP Abhinav Parashar ने बताया कि पुलिस लगातार ऐसे मामलों पर नजर रख रही है और आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी अंजान वीडियो कॉल या धमकी भरे मैसेज से सावधान रहें और तुरंत साइबर सेल में शिकायत करें।

DSP ने यह भी कहा कि जल्द ही जिले में ऐसे साइबर ठगों की पहचान कर उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने अब तक ₹30 लाख से ज्यादा की रिकवरी की है और 52 साइबर हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं।

🔍 गहराई से जांच: कैसे बनती है ऐसी साइबर ठगी की स्क्रिप्ट?

इस केस में पुलिस को यह जानकारी मिली कि ‘Boss Gang’ ने पहले से स्क्रिप्ट तैयार कर रखी थी, जिसे वीडियो कॉल्स में enact किया जाता था। गैंग के एक सदस्य को ‘जज’ बनाया जाता था, दूसरा व्यक्ति वकील की भूमिका निभाता था, और तीसरा ‘डिजिटल अफसर’ बनकर धमकियां देता था।

पूरी प्रक्रिया psychological manipulation पर आधारित थी। Video call पर दिखाया जाता था कि पीड़ित पर serious charges लगे हैं – जैसे कि money laundering, sexual exploitation, या illegal downloads – और उससे कहा जाता था कि वह तुरंत settlement करे या जेल जाएगी।

इस तरीके को एक प्रकार का “digital extortion courtroom scam” कहा जा सकता है, जो कि deep fake या scripted roleplay का उपयोग कर gullible लोगों को manipulate करता है।

📱 टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल

इस गैंग ने अत्याधुनिक devices और technology का misuse किया। VPN, encrypted calls, disposable SIM cards और cloned WhatsApp numbers के ज़रिए ये लोगों तक पहुंचे। उन्होंने अपने फर्जी IDs में government logos और courtroom backgrounds का भी इस्तेमाल किया ताकि video calls authentic लगें।

डिजिटल forensic investigation में यह सामने आया कि scammers ने कई बार वीडियो रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल भी किया था, जिससे लोगों को डराकर payment करवाया गया।

👤 Target Profile: कौन बनते हैं शिकार?

ये गैंग आमतौर पर elderly citizens, women living alone, job seekers और छोटे कारोबारियों को टारगेट करती थी। कारण? ये वर्ग जल्दी panic में आ जाता है और बिना verify किए payment कर देता है।

Scammers का main strategy होता था “fear-driven urgency”— यानी आपको डराओ और तुरंत पैसे मांगो। Victims को legal trouble, arrest warrant और digital humiliation से डराया जाता था।

👮 पुलिस की सफलता और चुनौतियाँ

Motihari की साइबर पुलिस की इस कार्रवाई को पूरे राज्य में सराहा जा रहा है। DSP अभिनव पाराशर और उनकी टीम ने लगातार digital trail को follow करते हुए operation को execute किया। लेकिन अब भी असली मास्टरमाइंड ‘Satyam Saurabh’ फरार है।

Bihar सरकार अब इस entire racket को national cyber taskforce के साथ link करने की योजना बना रही है। इससे interstate और international नेटवर्क को भी तोड़ा जा सकेगा।

🛡️ जनता के लिए चेतावनी और सुझाव

अगर आपको किसी unknown नंबर से video call आता है जिसमें कोई अफसर बनकर धमका रहा है — तो calm रहें, किसी को पैसा ना भेजें और तुरंत 1930 या local cyber cell को contact करें। कभी भी जल्दबाज़ी में कोई financial transaction ना करें।

साइबर क्राइम से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, हम सबकी है। जागरूक रहना, सतर्क रहना और दूसरों को educate करना ही इसका सबसे बड़ा उपाय है।

— विशेष रिपोर्ट: Luxion094 Cyber Desk

🎯 निष्कर्ष (Conclusion)

Motihari में सामने आया यह मामला भारत में साइबर क्राइम के नए स्वरूप को दर्शाता है। डिजिटल कोर्ट जैसी योजनाएं लोगों को डराकर लूटने का नया तरीका बनती जा रही हैं। लेकिन साइबर पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से ऐसे गिरोहों पर नकेल कसना संभव हो पाया है।

आम जनता को चाहिए कि वे किसी भी अनजाने कॉल, वीडियो कॉल या सोशल मीडिया पर मिले ‘official looking’ messages पर विश्वास न करें और हर संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रिपोर्ट करें।

— रिपोर्ट: Luxion094 Cyber Crime Desk

 

Leave a Comment

Follow us on Social Media